Khamis, 23 Januari 2014

Stotra Sri Guru Paduka Bhyam

Om Svasti Astu!

Pengertiannya itu nanti ku cuba masukkan buat kemudahan tuan-tuan budiman... Tolong lah belajar bahasa Sanskerta dan pergunalah juga dalam bahasa seharian mu, Aku memohon pada tuan-tuan dan puan-puan sekelian demi kebaikan tuan-tuan dan puan-puan yang budiman...

 

अनंत संसार समुद्र तार नौकायिताभ्यां गुरुभक्तिदाभ्यां।

वैराग्य साम्राज्यद पूजनाभ्यां नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यां॥१॥

कवित्व वाराशि निशाकराभ्यां दौर्भाग्यदावांबुदमालिक्याभ्यां।

दूरीकृतानम्र विपत्तिताभ्यां नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यां॥२॥

नता ययोः श्रीपतितां समीयुः कदाचिदप्याशु दरिद्रवर्याः।

मूकाश्च वाचसपतितां हि ताभ्यां नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यां॥३॥

नाली कनी काशपदाहृताभ्यां नानाविमोहादिनिवारिकाभ्यां।

नमज्जनाभीष्टततिब्रदाभ्यां नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यां॥४॥

नृपालिमौलि ब्रज रत्न कांति सरिद्विराज्झषकन्यकाभ्यां।

नृपत्वदाभ्यां नतलोकपंक्ते: नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यां॥५॥

पापांधकारार्क परंपराभ्यां पापत्रयाहीन्द्र खगेश्वराभ्यां।

जाड्याब्धि संशोषण वाड्वाभ्यां नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यां॥६॥

शमादिषट्क प्रदवैभवाभ्यां समाधि दान व्रत दीक्षिताभ्यां।

रमाधवांघ्रि स्थिरभक्तिदाभ्यां नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यां॥७॥

स्वार्चा पराणामखिलेष्टदाभ्यां स्वाहासहायाक्ष धुरंधराभ्यां।

स्वान्ताच्छ भावप्रदपूजनाभ्यां नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यां॥८॥

कामादिसर्प व्रजगारुडाभ्यां विवेक वैराग्य निधि प्रदाभ्यां।

बोध प्रदाभ्यां दृत मोक्ष दाभ्यां नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यां॥९॥

Tiada ulasan:

Catat Ulasan